दिल्ली: भारत के रक्षा मंत्री पद की शपथ लेने वाले पहली महिला श्री निर्मला सीतारमण जबसे रक्षामंत्री बनी है तब से है तब से है एक ही सवाल है क्या भारत जैसे पुरुष प्रधान देश में एक महिला रक्षा मंत्री इस पर से जिम्मेवारी अच्छे से निभा पाएगी? झांसी की रानी लक्ष्मीबाई एवं कैप्टन लक्ष्मी सहगल जैसी महिलाएं समाज के लिए लड़ी है इसमें कोई दो राय नहीं है।
आजादी के बाद भूतपूर्व पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी 1975 और 1980-82 तक बतौर प्रधानमंत्री रक्षा मंत्रालय संभाला था। पहले कभी कोई मिला महिला रक्षा मंत्री नहीं बनी। वाणिज्य मंत्रालय में राज्यमंत्री का का पदभार संभाल रही निर्मला सीतारमण को प्रमोशन देकर नरेंद्र मोदी ने रक्षा मंत्रालय की जिम्मेदारी दी।
आपको बता दें कि निर्मला सीता रमन का जन्म तमिलनाडु के मदुरई में हुआ था, जेएनयू यूनिवर्सिटी में अर्थशास्त्र मे मास्टर डिग्री हासिल की और बीबीसी वर्ल्ड सर्विस में भी थोड़ा समय काम किया।
वाणिज्य मंत्रालय में अनेक चुनौतियों को सामना करने वाली निर्मला सीतारमण रक्षा मंत्री बनते ही भारतीय महिलाओं में एक नए उत्साह का संचार हुआ है। जिंदगी के हर एक स्तर पर संघर्ष करके विजेता होने वाली निर्मला सीतारमण रक्षा मंत्रालय भी अच्छी तरह चलाएगी यह सभी भारतीय महिलाओं को विश्वास है। भाजपा की वरिष्ठ नेता श्री सुषमा स्वराज ने विदेश मंत्रालय संभाले हुए बहुत ही अच्छा काम कर रही है, देश के हित में कठोर से कठोर फैसले भी अगर लेने पड़े तो सुषमा स्वराज लेती है। सब जानते हैं देश में सुरक्षा का मसला सर्वोपरि है, चीन घुसपैठ की फिराक में रहता है और पाकिस्तान सीमा पर हमारे सैनिकों पर हमले करता है इसलिए रक्षा मंत्री को सब फैसले सोच समझकर लेने पड़ते हैं इसके साथ देश में भी आए दिन हिंसक घटनाएं और हिंसक आंदोलन होते रहते हैं इसलिए यह पर चुनौतियों से भरा पद है उनको निभाने के लिए हौसले बुलंद और कठोर फैसले लेने की ताकत होनी चाहिए।
सभी देशवासियों को यह देखना है कि हमारी नई रक्षा मंत्री अपने पद को किस तरह से निभाती है और देश के सामने रक्षा के मसले पर मिलती चुनौती को कैसे निपटाती है और देशवासी और नरेंद्र मोदी के विश्वास पर कैसे खरा उतरते हैं वह तो आने वाला समय ही बता सकता है।
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